अशिक्षा (Illiteracy) का परिभाषा:
अशिक्षा (Illiteracy) एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति वाचन, लेखन, और गणित का ज्ञान नहीं रखता है। इसका मतलब है कि अशिक्षा व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में समर्थ नहीं होता और वह सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से पिछड़ा होता है।
Illiteracy के कारण:
आर्थिक समस्याएँ:
बड़े हिस्से के लोग अपने बच्चों की शिक्षा के लिए पर्याप्त धन नहीं होने के कारण उन्हें स्कूल नहीं भेज पाते।
सामाजिक असमानता: सामाजिक असमानता एक और मुख्य कारण है। गरीब और निम्न वर्ग के लोग सामाजिक रूप से वर्गवाद के कारण शिक्षा से वंचित रहते हैं।
जातिवाद और लिंग भेदभाव:
जातिवाद और लिंग भेदभाव के कारण भी कई लोग शिक्षा से वंचित रहते हैं।
परंपरागत धार्मिक धारणाएँ:
कुछ समाजों में परंपरागत धार्मिक धारणाओं के कारण शिक्षा को अवश्यक नहीं माना जाता है।
भारत में अशिक्षा की दर बहुत अधिक है। 2018 की जनगणना के अनुसार, देश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के 20.8% लोग निरक्षर हैं।
यह दर महिलाओं में (26.8%) पुरुषों (15.7%) की तुलना में अधिक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा की दर शहरी क्षेत्रों (13.8%) की तुलना में अधिक है (23.9%)।
अशिक्षा illiteracy के गंभीर परिणाम होते हैं। यह लोगों को गरीबी से बाहर निकलने और बेहतर जीवन जीने से रोकता है। यह लोगों को अपने अधिकारों को समझने और उनका उपयोग करने से भी रोकता है।
अशिक्षा का अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद जैसी सामाजिक समस्याओं से भी संबंध है।
भारत सरकार अशिक्षा को कम करने के लिए कई प्रयास कर रही है।
सरकार ने मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 पारित किया है,
जिसके तहत सभी बच्चों को 6 से 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है।
सरकार ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी शुरू की हैं।
हालांकि, सरकार के इन प्रयासों के बावजूद, अशिक्षा भारत में एक बड़ी समस्या है।
इस समस्या को हल करने के लिए समाज के सभी वर्गों के प्रयासों की आवश्यकता है।
अशिक्षा (Illiteracy) को कम करने के लिए हम सभी क्या कर सकते हैं?
अपने बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक कर सकते हैं और उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
गरीब और वंचित समुदायों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
हम अशिक्षित वयस्कों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और उन्हें अवसर प्रदान कर सकते हैं।
सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को शिक्षा को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों में समर्थन दे सकते हैं।
अशिक्षा एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान करना आसान नहीं है, लेकिन यह संभव है।
यदि हम सभी मिलकर काम करें, तो हम भारत को एक शिक्षित देश बना सकते हैं।