दाऊद इब्राहीम (Dawood Ibrahim) , जिन्हें “डॉन” के नाम से भी जाना जाता है,
एक भारतीय गैंगस्टर और माफिया दुनिया के प्रमुख चेहरों में से एक थे। उन्होंने भारत और विदेशों में अपनी गैंग की शक्ति को बढ़ावा दिया और बड़े अपराधों का नेतृत्व किया।
उनका जन्म 26 मार्च, 1955 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। उनका उद्यमी परिवार था और उन्होंने छोटे से ही अपराधिक गतिविधियों में रुचि दिखाई। उनकी गैंग ने “धंधेवाली गैंग” के नाम से विख्याती प्राप्त की, और उन्होंने ब्लैक मार्केट वस्त्र व्यापार, हवाला, जूते, और फिर बाद में मादक पदार्थों का व्यापार किया।
दाऊद इब्राहीम की गैंग ने उनके नेतृत्व में भारत में अनेक बड़े अपराध किए, जिनमें बम विस्फोट, हत्या, और अन्य गंभीर अपराध शामिल थे। उन्होंने मुंबई के अंडरवर्ल्ड को अपने अधीन किया और वहाँ के अपराधिक धारावाहिक में उनकी गाँठ दृढ़ थी।
1993 में मुंबई बम धमाकों के आरोपी के रूप में दाऊद इब्राहीम का नाम सामने आया।
यह बम धमाके ने मुंबई को भारतीय अपराध के इतिहास की सबसे बड़ी और अद्वितीय घटना में बदल दिया।
इसके बाद, दाऊद इब्राहीम का भारत सरकार ने दिलाना शुरू किया और उन्हें गिरफ्तार करने की कई कोशिशें की गईं।
1997 में, दाऊद इब्राहीम को दुबई में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें भारत में नहीं भेजा गया क्योंकि उन्हें दुबई की नागरिकता मिल चुकी थी।
उनके नेतृत्व में कई अपराधी गैंगस्टर्स भी सजग रहे, जो उनके आदेशों का पालन करते थे।
दाऊद इब्राहीम अब भी भारत सरकार की आखिरी पुरस्कृत प्रतियोगी है और उन्हें अपराधिक गतिविधियों के कई मामलों में नामांकन किया गया है। वे आज भी अंतरराष्ट्रीय माफिया सर्किल में महत्वपूर्ण चेहरे हैं
और उनकी गैंग का प्रभाव फिलहाल भी महसूस किया जा रहा है।
दाऊद इब्राहीम (Dawood Ibrahim) को वापस लाने के लिए चुनौतियों
इब्राहीम को वापस लाने के लिए कई चुनौतियों भरी प्रक्रिया हो सकती है, क्योंकि वे दुबई में स्थायी नागरिक हैं
और वहां की सरकार उन्हें भारत को स्थानांतरित करने के लिए सहमति नहीं देती है।
यहां कुछ मामूली चरण दिए गए हैं, जो एक सामान्य संवाद के रूप में समझा जा सकता है:
विदेशी सहयोग: भारत सरकार किसी विशेष देश से दाऊद की पकड़ताल और गिरफ्तारी में सहायता मांग सकती है।
यह देश उनके निवास के स्थान के आधार पर चयन किया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय दण्डविद्या: अगर किसी देश में दाऊद पर अपराधिक मामले के तहत कोई मामूली मामला दर्ज हो,
तो भारत सरकार उस देश के साथ आपसी सहमति प्राप्त करके उन्हें गिरफ्तार करवा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय दण्डविद्या की सहमति: भारत सरकार और दुबई सरकार के बीच एक समझौता के माध्यम से,
दाऊद को वापस भारत लाने की सहमति प्राप्त कर सकती है।
राजनीतिक दबाव: अंत में, विशेष गतिविधियों, चायन या राजनीतिक दबाव के माध्यम से भी दाऊद को वापस लाने का प्रयास किया जा सकता है।
यह अपने स्वभाव के अनुसार एक जटिल और लंबे प्रक्रिया हो सकती है,
और इसमें अनेक चरण हो सकते हैं जिनमें बातचीत, सहमति प्राप्ति, और विभिन्न स्तरों की सहायता शामिल हो सकती है।