काले धन (Black Money) की परिभासा
“काला धन” Black Money एक अपराधिक और गैर-कानूनी तरीके से कमाया गया धन होता है जिस पर कोई कर या उपयोग की सजा नहीं दी जाती है। यह धन अक्सर कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं करके उपार्जित किया जाता है और इससे कर चोरी और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचता है।
यह आमतौर पर काले बाजार में यानी गैर-रिजिस्टर्ड या अनुमति प्राप्त करायों में या नकद संलिपियों में छिपकर रखा जाता है। इससे समाज और अर्थव्यवस्था पर हानि होती है क्योंकि इससे सरकार को कर नहीं मिलता और न्यायिक प्रक्रियाओं को दुरुपयोग किया जा सकता है।
कला धन के लिए सरकार की अधिनियम।
सरकार द्वारा काले धन को लाने की कोशिशें उचित और आवश्यक होती हैं।
काले धन को लाने के उद्देश्य समाज में न्याय, समानता, और विकास की प्रोत्साहना करना होता है।
सरकार इसे नियंत्रित करने के लिए कई उपायों का इस्तेमाल करती है, जैसे कि:
बेनामी संपत्ति अधिनियम:
यह अधिनियम संपत्तियों को बेनामी रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देता है।
आयकर स्वीकृति योजनाएँ:
सरकार ऐसी योजनाएँ लाती है जिनके तहत लोग आयकर चोरी की सजा से बच सकते हैं,
अगर वे अपने काले धन को साहित्यिक करते हैं।
नोटबंदी:
सरकार ने 2016 में नोटबंदी की, जिससे गैर-कानूनी धन की पर्याप्तता को कम किया और लोगों को नोटों को बैंक में जमा करने के लिए मजबूर किया।
आयकर छापे:
सरकार आयकर अधिकारियों के माध्यम से विशेष संदर्भ में आयकर छापे करवाती है, जिनसे गैर-कानूनी धन की पहचान हो सकती है।
डिजिटल पेमेंट्स:
डिजिटल वित्त प्रणाली में निवेश करके सरकार ने गैर-कानूनी धन को कम करने का प्रयास किया है।
इन उपायों के माध्यम से सरकार को काले धन (black money) को लाने का प्रयास करते हुए समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा मिलता है।
काले धन से उत्पन्न होने वाली समस्याओं में वित्तीय असमानता, अवैध व्यापार और नकली मुद्राओं का प्रसार, वित्तीय अपराध,
और आर्थिक प्रणाली के अस्तित्व को खतरे में डालने का खतरा शामिल हो सकता है।
यह आमतौर पर आर्थिक स्थिति को बिगाड़ सकता है और समाज में असहमति बढ़ा सकता है।