अब्दुल करीम तेलगी (Telgi) का जीवन एक चूरन की कहानी की तरह है,
जिसमें उन्होंने अपने जीवन को जेल में बिताकर कितना अद्वितीय रूप से बदल दिया।
वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भ्रष्टाचार की दुनिया में नए मानदंड स्थापित किए और अपने दुष्मनों को चौंका दिया।
अब्दुल करीम तेलगी का जन्म 1961 में भारत के कर्नाटक राज्य के छोटे से गाँव में हुआ था।
उनका परिवार गरीब था और उन्हें बचपन से ही गरीबी का सामना करना पड़ा। लेकिन उनकी चालाकी और जिज्ञासा ने उन्हें जीवन के रास्तों को समझने और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।
Telgi की कहानी
Telgi की कहानी उनके 1991 में मुंबई में बिना किसी शिक्षा के काम करने वाले एक सामान्य व्यक्ति की तरह शुरू हुई, लेकिन उन्होंने एक छोटी सी मुद्रा मुद्रफर्जी से अपने भ्रष्टाचारी सफर की शुरुआत की। उन्होंने जालसाजी की माध्यम से खुद को एक विशेषज्ञ और सरकारी दस्तावेजों के मामले में मान्यता प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने एक घबराहट और भ्रष्टाचार का राज़ खोला और मुंबई में विशाल तेलगी स्टैम्प पेपर स्कैम की योजना बनाई।
उन्होंने खुद को “सार्कल जारीकर्ता” के रूप में पेश किया और अपनी योजना को कामयाबी की ओर बढ़ाया। उन्होंने खुद को सरकारी दस्तावेजों के विशेषज्ञ के रूप में प्रस्तुत किया और फिर तेलगी स्टैम्प पेपर की जवान में बढ़त दिलाने के लिए अपने बिजनेस को बढ़ाया।
तेलगी का घोटाला
तेलगी का यह घोटाला एक शोकचिन्तक हो गया, जिसमें हजारों करोड़ रुपये की नुकसान हो गई। उन्होंने दस्तावेजों को गोपनीय रूप से छापकर और फर्जी स्टैम्प पेपर का इस्तेमाल करके आधिकारिक दस्तावेजों को बनाने का तरीका अपनाया। उनके ब्रिलियंट मास्टरमाइंड के कारण बड़े संख्या में लोग उनके चक्कर में आ गए और उनके स्कैम से प्रभावित हो गए।
फिर भी, अब्दुल करीम तेलगी की कहानी विफलता की कहानी है।
उन्होंने अपने विश्वासी सहयोगी को देशद्रोह का आरोप लगाया
और अपनी जिंदगी को खत्म करने की कोशिश की,
लेकिन उसकी आत्महत्या से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
अब्दुल करीम तेलगी की कहानी एक सख्त सचाई को प्रकट करती है कि भ्रष्टाचार के क्षेत्र में आम लोगों का भी योगदान हो सकता है, लेकिन यह साथ ही दिखाती है कि इसका कोई भी ठीक तरीका नहीं है। अब्दुल करीम तेलगी की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने उद्देश्यों को पाने के लिए ईमानदारी और मानवीय मूल्यों का पालन करना चाहिए,
न कि अवैध और दुष्मनी रास्तों का सहारा लेना चाहिए।
तेलगी (Telgi) की धोखाधड़ी के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
तेलगी ने एक फर्जी स्टाम्प पेपर कंपनी शुरू की और यह दावा किया कि वह भारतीय सरकार से अधिकृत है।
उसने बैंकों, कंपनियों और व्यक्तियों को फर्जी स्टाम्प पेपर बेचा।
अपनी धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए एक जटिल नेटवर्क बनाया।
उसने सरकारी अधिकारियों, बैंकरों और अन्य लोगों को रिश्वत दी।
उसकी धोखाधड़ी का पर्दाफाश 2008 में हुआ।
उसे 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई।
तेलगी की कहानी एक चेतावनी है कि कैसे एक व्यक्ति बड़ी धोखाधड़ी कर सकता है और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है।